Description
A heart-touching Hindi motivational book that inspires gratitude, awareness, and a positive outlook towards life.
₹350.00
रिश्ते हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं, फिर भी न तो स्कूल और न ही कॉलेज हमें यह सिखाते हैं कि रिश्तों को समझा और निभाया कैसे जाए। अधिकांश लोग रिश्तों को करो और भुगतो के आधार पर जीते हैं, बिना किसी औपचारिक प्रशिक्षण के। हम अनजाने में परिवार, समाज और अपने परिवेश से सीखे गए व्यवहारिक ढाँचों और आदतों को दोहराते रहते हैं। परिणामस्वरूप, जो रिश्ते हमारे जीवन की मजबूत नींव होने चाहिए थे, वही कई बार दर्द, तनाव और भावनात्मक बेचैनी का कारण बन जाते हैं।
रिश्तों का उद्देश्य स्थिरता, सहारा और अपनापन देना होता है, लेकिन आज कई रिश्ते सुकून की बजाय चिंता और दिल की जलन पैदा कर रहे हैं। यह पुस्तक ऐसे लेखक द्वारा लिखी गई है जो अठारह सदस्यों वाले एक बड़े संयुक्त परिवार में एक ही छत के नीचे रहते हैं और जिन सीखों को यहाँ साझा किया गया है, वे स्वयं उन्हें जीवन में जीते आ रहे हैं। पुस्तक में “जो भी मेरे पास है मेरे लिए ख़ास है”, “अपने को जीतो और अपनों से हारो” और “रिश्ते बनाने से नहीं, निभाने से चलते हैं” जैसे विचार रिश्तों को देखने और जीने का एक व्यवहारिक दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं।
रिश्ते कोई रॉकेट साइंस नहीं हैं, लेकिन इन्हें उन लोगों के साथ निभाया जाता है जो हमसे अलग होते हैं। यही अलगपन समझ, धैर्य, भावनात्मक परिपक्वता और सचेत प्रयास की मांग करता है। यह पुस्तक रिश्तों को बोझ नहीं, बल्कि जीवन की ताकत बनाने की दिशा में व्यावहारिक समझ और दृष्टि प्रदान करती है।
A heart-touching Hindi motivational book that inspires gratitude, awareness, and a positive outlook towards life.
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